विकासनगर। अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से स्वीकृत 54 योजनाओं को शासन ने निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही शासन ने पुरोला की भी 28 योजनाओं को भी निरस्त कर दिया है। जनसंघर्ष मोर्चा ने सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की है। जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने बताया कि अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेशभर में लगभग 295 योजनाओं के लिए लगभग 38.06 करोड रुपये स्वीकृत किए गए थे। जिसमें से चकराता क्षेत्र की 54 योजनाएं एवं पुरोला क्षेत्र की 28 योजनाओं को भी स्वीकृति प्रदान की गई थी। जिनके लिए लगभग 14 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। लेकिन बाद में उन्हें निरस्त कर दिया गया। आखिर वह कौन से कारण थे, जिनके चलते सिर्फ और सिर्फ चकराता एवं पुरोला क्षेत्र की योजनाओं को ही निरस्त कर दिया गया। कहा कि सरकार की ओर से चकराता एवं पुरोला क्षेत्र की योजनाओं को निरस्त किया जाना कहीं न कहीं इस बात को दर्शाता है कि इसमें दलालों द्वारा बहुत बड़ी सांठ-गांठ की गई थी। जिसकी भनक लगते ही सरकार द्वारा इन तमाम योजनाओं को निरस्त किया गया है। इससे आवश्यक और वास्तविक विकास कार्य एक तरह से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने सरकार से इस प्ररकण की जांच की मांग की है। साथ ही प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।