सेकेंडहैंड कारों में एसयूवी सबसे पसंदीदा ब्रांड बनी
नयी दिल्ली। कोरोना महामारी के दौरान अधिक खर्च न कर पाने की विवशता और ईंधनों की आसमान छूती कीमत ने सेकेंड हैंड वाहनों के उपयोग के लिए ग्राहकों को प्रेरित किया और इस बाजार में खरीददारों के बीच स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) सबसे पसंदीदा ब्रांड बनकर उभरा है।
ऑनलाइन ऑटोमोबाइल मार्केटप्लेस ड्रूम की मंगलवार को वर्ष 2021 के लिए जारी वार्षिक ट्रेंड रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी ने खरीददारों की प्राथमिकताओं में भारी बदलाव किया है। इस दौरान लोगों ने निजी कार की जगह सार्वजनिक परिवहन और राइडशेयरिंग के विकल्प को अधिक चुना है। कंपनी के लिए दिल्ली, जयपुर, मुंबई और हैदराबाद वर्ष 2021 में लेनदेन के लिए सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहकों के लिए एसयूवी सबसे पसंदीदा श्रेणी के रूप में उभरा है। एसयूवी सेगमेंट में चार्ट हुंडई क्रेटा शीर्ष पर है। इसके बाद मारुति सुजुकी की विटारा ब्रेजा और टोयोटा फॉर्च्यूनर हैं। दुपहिया वाहनों में बजाज की पल्सर शीर्ष वरीयता के रूप में उभरा। इसके बाद टीवीएस अपाचे आरटीआर, बजाज पल्सर एनएस और बजाज एवेंजर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लग्जरी वाहन सेगमेंट में बीएमडब्ल्यू5 सीरीज और मर्सिडीज बेंज सी क्लास के बाद मर्सिडीज बेंज ई-क्लास सबसे पसंदीदा लग्जरी कार बन गई। वहीं, दुपहिया वाहनों की श्रेणी में हार्ले डेविडसन स्ट्रीट ने कावासाकी निंजा और रॉयल एनफील्ड इंटरसेप्टर के बाद सर्वश्रेष्ठ स्कोर किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, चार-पांच साल पुरानी कारों को खरीददारों ने सबसे अधिक पसंद किया वहीं दुपहिया वाहनों छह से सात साल पुराने वाहनों को प्राथमिकता दी गई। ईंधन की कीमतों में तेजी को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021 में 59 प्रतिशत ग्राहकों ने डीजल और 39 प्रतिशत ने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को तरजीह दी है।
ड्रूम के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप अग्रवाल ने कहा, ई-कॉमर्स भारत में पूरे ऑटोमोबाइल बाजार का केवल दो प्रतिशत है और हम अपनी नई तकनीक के माध्यम से क्षमता उत्पन्न करने में विश्वास करते हैं। कोई भौतिक स्टोर नहीं होने के बाजवूद समय पर इन्वेंट्री बिजनेस मॉडल हमें ऑटोमोबाइल उद्योग में स्थापित करता है। वर्ष 2021 में व्यवसाय के लिए कोविड महामारी के दौरान रिकवरी का वर्ष साबित हुआ है। यह वर्ष ऑटोमोबाइल बाजार के लिए विकास की अपार संभावनाओं वाला रहा, जिसमें अधिक खरीददार और विक्रेताओं ने ऑनलाइन जाने का विकल्प चुना है।