ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में मेडिसिन और नेफ्रोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मधुमेह और किडनी रोग पर सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस रोग के इलाज और रोकथाम के नवीनतम उपायों पर व्यापक चर्चा कर जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। मंगलवार को एम्स में आयोजित सीएमई का उद्घाटन संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली, डॉक्टरों द्वारा नियमित जांच और चिकित्सीय परामर्श का पालन करके मुधमेह रोगी अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। सीमएई में विभिन्न क्षेत्रों से आए चिकित्सा विशेषज्ञों के मंथन से इस बीमारी की रोकथाम और इलाज के उपायों को और बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्राप्त होगा। कार्यक्रम आयोजक अध्यक्ष और मेडिसिन विभाग के हेड प्रो. रविकान्त ने मधुमेह से होने वाली किडनी डिसीज के प्रबन्धन पर प्रकाश डाला। कहा कि मधुमेह से पीड़ित कई लोगों को अक्सर उक्त रक्तचाप की शिकायत हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि शुगर के रोगी नियमित स्तर पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाएं। सीएमई के सह संयोजक मेडिसिन विभाग के डा. मुकेश बैरवा और नेफ्रोलॉजी विभाग की डॉ. शेरोन कंडारी ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य तेजी से फैल रही इस बीमारी के प्रति चिकित्सकों को जागरूक करना तथा बेहतर रोगी देखभाल हेतु उन्हें अद्यतन चिकित्सा जानकारी प्रदान करना है। मौके पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी सत्या श्री, यूकेआरएसएसडीआई के चेयरमैन डा. दीपक रस्तोगी, डॉ. संजय शाह, डॉ. दीपांकर भौमिक, डॉ. पुनीत अरोड़ा, डॉ. कल्याणी एस, डॉ. पर्वन शेट्टी, डॉ. बालाचंद्र, डॉ. राशि, डॉ. विनय, डॉ. अर्शदीप, डॉ. संदीप, डॉ. अभय आदि उपस्थित रहे।