Category: लेख

डॉक्यूमेंट्री के जाल में फंस गईं पार्टियां

पता नहीं बीबीसी ने किस मकसद से गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री बनाई थी लेकिन ऐसा लग रहा है कि उससे भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा पूरा हो रहा है। इस साल तेलंगाना में विधानसभा का चुनाव होना है। उससे पहले इस डॉक्यूमेंट्री के बहाने राज्य में गुजरात दंगों का मुद्दा छिड़ गया है। तमाम रोक

युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ के लिए कौन जिम्मेदार

उत्तराखंड में हो रही परीक्षा बिचौलियों के हाथ की कठपुतली बनती जा रही है, जिससे प्रदेश के युवाओं की आशा टूटती नजर आ रही है। युवाओं के भविष्य से इस तरह जो खिलवाड़ हो रहा है उसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है, क्या उत्तराखंड सरकार भ्रष्ट लोगों के आगे इतनी लाचार हो गई है? यह

गुजरात चुनाव पर देश की नजर

(अजीत द्विवेदी) गुजरात में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। हिमाचल प्रदेश में चुनाव की घोषणा करने के 19 दिन के बाद चुनाव आयोग ने गुजरात में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के दो लंबे लंबे दौरे हुए और हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन

चुनाव होगा या थरूर की नाम वापसी?

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का मैदान सज गया है। सोनिया और राहुल गांधी के अघोषित समर्थन के साथ मल्लिकार्जुन खडग़े ने परचा भरा है तो बदलाव की अपील करते हुए शशि थरूर ने नामांकन किया है। एक तीसरे उम्मीदवार भी हैं, झारखंड के केएन त्रिपाठी, जिन्होंने अपने को किसान का बेटा और सोनियाजी

कोश्यारी की गलती क्या है?

(वेद प्रताप वैदिक) महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के एक बयान को लेकर महाराष्ट्र के नेता लोग कैसा धमाल मचा रहे हैं ? कोश्यारी ने मारवाडिय़ों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि मारवाड़ी और गुजराती व्यापारियों को हटा दिया जाए तो मुंबई देश की आर्थिक राजधानी नहीं रह पाएगी। कोश्यारी

भाजपा राहुल को धन्यवाद दे

वेद प्रताप वैदिक राहुल गांधी ने लंदन जाकर भारत की राजनीति, सरकार, संघवाद, विदेश मंत्रालय आदि के बारे में जो बातें कहीं, वे नई नहीं हैं लेकिन सवाल यह है कि उन्हें विदेशों में जाकर क्या यह सब बोलना चाहिए? भारत में रहते हुए वे सरकार की निंदा करें, यह बात तो समझ में आती

गामा पहलवान को जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

आज भारत के महान पहलवान गामा पहलवान का जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बनाया है। इनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह अपने करियर में कभी भी हारे नहीं थे। आज ही के दिन यानी 22 मई 1878 को एक महान पहलवान का जन्म हुआ था। इस पहलवान का नाम

दुनिया पर भुखमरी का साया

युक्त राष्ट्र की एजेंसियों के एक संयुक्त विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले साल इथियोपिया, दक्षिण सूडान, दक्षिण मेडागास्कर और यमन जैसे देशों में पांच लाख से अधिक लोगों के सामने भुखमरी का खतरा था। अगर दुनिया का प्राथमिकताए सही होतीं, तो इस खबर से उसकी नींद उड़ जाती। लेकिन ऐसा नहीं होगा, क्योंकि

अजीब दास्‍तां है ये…….

ये विधायक नहीं कठपुतली हैं (अनिल सती) देहरादून। किसी प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अगर प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भी किसी दल को अपना नेता चुनने में 11 दिन लग जाए तो इससे बड़ा दुर्भाग्‍य क्‍या होगा उस प्रदेश की जनता का, इससे एक बात तो साफ हो गयी है कि प्रदेश के

रतन टाटा ने कभी धोए थे जूठे बर्तन और चलाये थे फावड़े

जन्मदिन पर विशेष जमशेदपुर (आरएनएस)। जेआरडी टाटा  के बाद टाटा समूह की कमान संभालने से पहले रतन टाटा ने जीवन में कई बुरे अनुभवों का सामना किया. माता-पिता के तलाक का उनके ऊपर काफी असर हुआ. जब उनकी माता ने दूसरी शादी कर ली तो स्कूल में उन्हें तानों का भी सामना करना पड़ा. 84