गोल्डन कार्ड से इलाज में आने वाली दिक्कतों की खामियों को दूर करने की मांग
देहरादून। उत्तराखंड में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की वर्चुअली बैठक में फिर से गोल्डन कार्ड से इलाज में आने वाली दिक्कतों पर चर्चा की गई। साथ ही सरकार से इसकी खामियों को दूर करने की मांग की गई। संगठन की हाईपावर कोर कमेटी की बैठक में सरकार से मांग की गई है कि जल्द राज्यकर्मियों के लंबित प्रकरणों की शीघ्र निर्णय किया जाए। कर्मचारियों में इस बात को लेकर रोष नजर आया कि कई बार समस्या की तरफ सरकार का ध्यान दिलाने के बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। पहले भी जो आश्वासन मिले, उस पर भी कार्रवाई नहीं की गई। राज्य के कार्मिकों को कैश लैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जारी किये गये गोल्डन कार्ड के उपयोग में आ रही कठिनाईयों को लेकर चर्चा की गई। बैठक में परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरूण पांडे ने अवगत कराया कि कल मुख्यमंत्री के सलाहकार शत्रुघ्न सिंह से शिष्टाचार मुलाकात की गई। उन्हें भी इस समस्या से अवगत कराया गया। इस संबंध में पूर्व में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक में बनी सहमति के आधार पर शासन को प्रेषित प्रस्ताव पर तत्काल कार्यवाही कर तद्नुसार गोल्डन कार्ड की सुविधा में सुधार लाने की मांग की गई।
साथ ही अनुरोध किया गया कि गोल्डन कार्ड की सुविधा में आवश्यक सुधार होने तक कार्मिकों एवं पेंशनरों से की जा रही कटौती पर रोक लगाई जाए। बैठक में इस बात पर रोष व्यक्त किया गया कि शासन के कुछ कर्मचारी विरोधी मानसिकता वाले अधिकारी अपने नकारापन को छिपाते हुए गोल्डन कार्ड की सुविधा समाप्त करने की साजिश कर रहे हैं। इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि शीघ्र गोल्डन कार्ड की सुविधा में सुधार के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाये गये तो परिषद इस संबंध में आन्दोलन को बाध्य होगी। बैठक में ठाकुर प्रहलाद सिंह, नन्दकिशोर त्रिपाठी, शक्ति प्रसाद भट्ट, चौधरी ओमवीर सिंह, गिरिजेश काण्डपाल, गुड्डी मटुडा, पीके शर्मा, सुनील देवली, रेणु लाम्बा, जीएस नेगी, आरपी जोशी, आइएम कोठारी, हर्षमोहन नेगी आदि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।