रोजगार उपलब्ध कराने में असफल राज्य सरकार तत्काल प्रभाव से युवाओं को उपलब्ध कराए बेरोजगारी भत्ता: कर्नाटक

अल्मोड़ा। राज्य सरकार तत्काल प्रभाव से युवाओं को बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध कराए यह बात उत्तराखण्ड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने प्रेस को जारी बयां में कही। उन्होंने कहा कि सूबे की भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में पूरी तरह असफल साबित हुई है। राज्य सरकार की नाकामियों का खामियाजा आज प्रदेश का युवा भुगत रहा है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी वर्तमान सरकार ने शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की है जो प्रदेश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि लगातार विभागों में रिक्त पड़े पदों के सापेक्ष पारदर्शिता से भर्तियां निकाली जाएं। जिससे कि लगातार युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके। परन्तु इसके विपरीत इस सरकार में पहले तो रिक्तियां ही नहीं निकल रही हैं। विभिन्न विभागों की सीमित संख्या में जो रिक्तियां निकल भी रही हैं तो उनकी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र पहले ही सार्वजनिक हो जाने के कारण परीक्षाएं निरस्त कर दी जा रही हैं। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई परीक्षाओं में तमाम घोटाले और गड़बड़ियां सामने आई हैं।इससे पूरे आयोग की कार्य करने की नीतियों पर सवाल खड़ा हो गया है। फलस्वरूप आज उत्तराखंड में बेरोज़गारी दर कम होने के बजाय तीसरे स्थान से सातवें स्थान पर पहुंच गई है। इससे जहां एक ओर युवा लगातार अवसाद की ओर जा रहा है तो वहीं बार-बार परीक्षा देने के लिए उन्हें आवागमन में आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इस प्रकार उत्तराखंड राज्य के युवाओं को प्रदेश सरकार की हीलाहवाली का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जिसका इस सरकार को पश्चाताप करना चाहिए तथा राज्य सरकार को तत्काल प्रभाव से उत्तराखंड राज्य के बेरोजगार नवयुवकों को बेरोजगारी भत्ता उपलब्ध करवाना चाहिए।उन्होंने प्रदेश सरकार के सम्मुख मांग रखी कि 21 वर्ष से 40 वर्ष तक के उन युवाओं को जिन्हें राज्य सरकार रोजगार उपलब्ध करा पाने में असफल रही है उन्हें न्यूनतम पांच हजार रूपया प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देकर राहत प्रदान करे। उन्होंने कहा कि आज पर्वतीय क्षेत्र का युवा लगातार बेरोजगारी का दंश झेलते हुए अवसाद की तरफ जा रहा है, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश की भाजपा सरकार की है। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि राज्य में युवाओं के लिए नौकरी की जितनी भी परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं उनमें सम्मिलित होने वाले युवाओं को मुफ्त आवागमन की सुविधा दी जाए तथा आवागमन के लिए ज्यादा खानापूर्ति न करते हुए उनके परीक्षा प्रवेश पत्र को ही आधार माना जाए। श्री कर्नाटक ने कहा कि राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की है। उत्तराखंड राज्य के जिन शिक्षित युवाओं को सरकार रोजगार उपलब्ध नहीं करवा पा रही उनको न्यूनतम प्रतिमाह पांच हजार रूपये का बेरोजगारी भत्ता तत्काल प्रभाव से मिलना चाहिए। श्री कर्नाटक ने कहा कि बेरोजगारी भत्ता युवाओं का हक है जिसे सरकार को युवाओं को देना ही होगा।