प्रवासी श्रमिकों की सुविधा के लिए बनाए नियंत्रण कक्ष

सोशल मीडिया के जरिए अपनी समस्या बता सकेंगे मजदूर

नई दिल्ली, (आरएनएस)। केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों को देखते हुए उनकी शिकायतों के समाधान के लिए 20 कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। कोरोना वायरस के बाद लॉकडाउन की आहट के कारण कई राज्यों में लगे लॉकडाउन के बाद बाद प्रवासी मजदूरों को अपने राज्यों में जाने का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। वहीं भारतीय मजदूर संघ ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने का आग्रह किया है।
केंद्रीय श्रम मंत्रालय के अनुसार प्रवासी मजदूरों की परेशानी को देखते हुए 20 नियंत्रण कक्ष मंत्रालय द्वारा स्थापित किए गए हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार इन नियंत्रण कक्ष में अधिकारियों की संख्या ज्यादा रखी गई है। ये सभी कंट्रोल रूम देश भर में चीफ लेबर कमिश्नर की निगरानी में संचालित होंगे। ये कंट्रोल रूम राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर प्रवासी मजदूरों की समस्याओं को सुलझाने में मदद करेंगे। मंत्रालय ने आगे कहा, पीडि़त प्रवासी मजदूर, ईमेल, मोबाइल और व्हाट्सएप के माध्यम से कंट्रोल रूम में शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। ये कंट्रोल रूम लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, क्षेत्रीय श्रम आयुक्त आदि स्तर के अधिकारी संचालित करेंगे। सभी संबंधित अधिकारियों से पीडि़त कामगारों को अधिकतम संभव सहायता देने का निर्देश है। साथ ही, सभी अफसरों को प्रवासी मजदूरों के मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर मदद करने का निर्देश दिया है। पिछले साल भी मंत्रालय ने लाखों मजूदरों की समस्याओं का कंट्रोल रूम के माध्यम से समाधान किया था।
दूसरी ओर भारतीय मजदूर संघ ने मजदूरों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने अमर उजाला से कहा, हमने पीएमओ को पत्र लिखा है कि मजदूरों के इस पलायन का रोका जाए। वहीं लॉकडाउन के दौरान भी मजदूरों की आजीविका चलती रहे ऐसा भरोसा सरकार से मांगा है। इसके अलावा हमने सभी इंडस्ट्रीज असोसिएशन को भी पत्र लिखा है। हमने असोसिएशन से भी अनुरोध किया है कि वे अपने सदस्यों की काउंसलिंग करे और इसके उनके सदस्य मजदूरों की काउंसलिंग करें। ताकि मजदूर अपने शहरों में रुके रहें जिससे उद्योग भी चलते रहें, साथ ही मजदूरों को वेतन भी मिलता रहे और उनकी गुजर-बसर होती रहे।