राफेल डील में देरी बर्दाश्त नहीं, भारत ने ऑफसेट में देरी के लिए दसॉल्ट पर लगाया जुर्माना

नई दिल्ली (आरएनएस)। भारत ने 36 फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमानों के लिए 7.8 अरब यूरो के सौदे में ऑफसेट प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में देरी के लिए जुर्माना लगाया है। डिफ़ॉल्ट आयुध की बड़ी कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए बनायी गई नई नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है। शीर्ष रक्षा सूत्रों ने कहा कि मिसाइल निर्माता एमबीडीए से जुर्माना लगाया गया है, जो दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल जेट के लिए हथियार पैकेज आपूर्तिकर्ता है। भारत ने फ्रांस के साथ समझौते और हथियारों के लिए आपूर्ति प्रोटोकॉल के अलावा, दसॉल्ट के साथ एक बड़ा ऑफसेट अनुबंध और अपने सहयोगी एमबीडीए के साथ एक छोटा अनुबंध भी किया था। सौदे के तहत, अनुबंध मूल्य का 50 प्रतिशत (लगभग 30,000 करोड़ रुपये) भारत को ऑफसेट या पुन: निवेश के रूप में वापस गिरवी रखना होगा।
एमबीडीए पर सितंबर 2019-सितंबर 2020 से पहले लागू वर्ष के लिए अपने ऑफसेट दायित्वों का निर्वहन करने में चूक के बाद जुर्माना लगाया गया है।

कैग की रिपोर्ट में भी की गई थी आलोचना
सीएजी की एक रिपोर्ट ने इस तथ्य की आलोचना की थी कि राफेल सौदे में ऑफसेट का अधिकतम निर्वहन – एमबीडीए द्वारा 57प्रतिशत और दसॉल्ट द्वारा 58प्रतिशत – केवल सातवें वर्ष (2023) के लिए निर्धारित है।