समान नागरिक संहिता कानून की जानकारी दी
विकासनगर। समान नागरिक संहिता पर गठित विशेषज्ञ समिति ने ब्लॉक सभागार में जनता से सीधा संवाद किया। समिति के सदस्यों ने जनता से सुझाव मांगने के साथ ही समान नागरिक संहिता कानून की जानकारी दी। समिति के सदस्य पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिये एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि कानूनों में भी एकरूपता प्रदान करने का प्रावधान करती है। संविधान के अनुच्छेद 44 में वर्णित है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। इसका उद्देश्य महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित डा. आंबेडकर द्वारा परिकल्पित कमजोर वर्गों को सुरक्षा प्रदान करना है। साथ ही एकता के माध्यम से राष्ट्रवादी उत्साह को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय के व्यक्ति को भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। यह कानून सभी लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के साथ ही एक राष्ट्र एक कानून की व्यवस्था लागू करेगा। प्रत्येक नागरिक के लिए समान कानून तय होगा। कहा कि इससे महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहने के साथ ही जनसंख्या नियंत्रण में भी सहयोग मिलेगा। जनता ने भी कानून को लेकर अपने सुझाव दिए। इस दौरान समिति के सदस्य मन्नू गौर, ब्लॉक प्रमुख जसविंदर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार, बीडीओ आतिया परवेज, अधिशासी अधिकारी बद्री प्रसाद भट्ट आदि मौजूद रहे।
चकराता में जनता दिए सुझाव
कैंट इंटर कॉलेज में आयोजित गोष्ठी में जनता ने समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर अपने सुझाव दिए। जनता की ओर से बताया गया कि पुत्रियों को संपत्ति में समान अधिकार दिया जाना चाहिए। समान नागरिक संहिता के साथ समान शिक्षा एवं स्वास्थ्य संहिता भी बनाई जानी चाहिए। लड़कियों के लिए विवाह की उम्र 21 वर्ष की जानी चाहिए। इसके साथ ही चुनाव संबंधी दो बच्चों का कानून विधायक और सांसद पर भी लागू होना चाहिए। इस दौरान एसडीएम सौरभ असवाल, तहसीलदार केडी जोशी, नायब तहसीलदार शक्ति सिंह, बीडीओ प्रताप सिंह, जवाहर सिंह, शमशेर सिंह आदि मौजूद रहे।