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प्रधानाचार्य परीक्षा एनओसी पर रोक से भड़का शिक्षक संघ

देहरादून। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को लेकर चल रहे गतिरोध के बीच शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा महानिदेशक ने परीक्षा में शामिल होने के लिए जारी देने पर रोक लगा दी है। उन्होंने ऐसे शिक्षकों की एनओसी निरस्त करने के आदेश दिए हैं, जो परीक्षा के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। विभाग के इस फैसले से राजकीय शिक्षक संघ भड़क गया है। उन्होंने शिक्षा मंत्री के आवास पर आमरण अनशन और घेराव की चेतावनी दी है। शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह ने सोमवार को सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से एनओसी रोकने के आदेश दिए हैं। उन्होंने आदेश में कहा है कि प्रधानाचार्य भर्ती परीक्षा के लिए शिक्षक विभाग से एनओसी ले रहे हैं।
इनमें ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं, जो परीक्षा के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि जिन शिक्षकों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए एनओसी ली है, वह किसी भी दशा में आंदोलन में शामिल न हों। उनकी वीडियो निगरानी कर चिन्हित करें। उनकी एनओसी रद्द करने के साथ ही ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की जाए। शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह ने कहा कि जब ऐसे सभी शिक्षकों को चिन्हित नहीं कर लिया जाता है, तब तक विभागीय स्तर पर परीक्षा में शामिल होने के लिए एनओसी देने पर भी रोक लगा दी गई है। राजकीय शिक्षक संघ ने शिक्षा महानिदेशक के आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संघ ने कहा कि वह इस तरह के दमनकारी आदेशों की कड़ी भर्त्सना करता है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की हत्या करने की साजिश की जा रही है। संघ कर हर सदस्य न तो इन आदेशों से डरने वाला है और न आंदोलन से पीछे हटेगा। इस आदेश ने राजकीय शिक्षकों को भड़काने का काम किया है। शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश पैन्यूली ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि 99 फीसदी शिक्षक प्रधानाचार्य सीधी भर्ती के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहा है। शिक्षा महानिदेशक मामले का सुलझाने के बजाए भड़काने का काम कर रही हैं। विभाग ने पूर्व में वरिष्ठता में जो गड़बड़ियां की हैं, उन्हें सुलझाने के बजाए शिक्षकों के दमन का काम किया जा रहा है। प्रदेश पदाधिकारियों ने कहा कि विभाग के अफसरों की ओर से इस तरह की कार्रवाई के बाद शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे। वह शिक्षा मंत्री के आवास का न सिर्फ घेराव करेंगे, बल्कि आवास पर ही आमरण अनशन भी शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री डंडे के बल पर शिक्षकों को हांकना चाह रहे हैं, लेकिन शिक्षक इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिलों में चुनाव की नहीं दी जा रही अनुमति राजकीय शिक्षक संघ ने जिला कार्यकारिणियों को नोटिस देकर दबाव बनाने पर भी कड़ी नाराजगी जताई है। कहा कि विभाग जिला इकाईयों के अस्तित्व को नकार रहा है। जबकि जिला शिक्षा अधिकारियों से चुनाव करवाने की अनुमति मांगी जा रही है तो अधिकारी चुनाव की अनुमति नहीं दे रहे हैं। वहीं, प्रदेश कार्यकारिणी अपना कार्यकाल बढ़ाने की सूचना जून माह में ही शिक्षा महानिदेशक को लिखित रूप से दे चुके हैं।