उत्तराखंड राज्य साल दर साल निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा

देहरादून। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व ट्रांसपोर्ट की अनेक बाधाओं के बावजूद उत्तराखंड राज्य साल दर साल निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स (ईपीआइ) में उत्तराखंड राज्य को हिमालयी राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है। पिछले पांच सालों में ही उत्तराखंड ने निर्यात के मामले में करीब दोगुना से अधिक की बढ़त हासिल कर ली है। वर्ष 2015-16 में उत्तराखंड से 7350 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, वहीं 2019-20 में यह बढ़कर 16,971 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
राज्य में आटोमोबाइल व फार्मा इकाइयां सबसे बड़े निर्यातक क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। आटोमोबाइल क्षेत्र में दुपहिया वाहन, फोर व्हीलर वाहनों के अतिरिक्त स्पेयर पाट्र्स निर्यात होते हैं। जबकि फार्मा सेक्टर में लगभग दस तरह की एलोपैथी व सात प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं की विश्व बाजार में अच्छी डिमांड है। इसके अलावा पुष्प उत्पादन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद, सगंध-औषधीय पौधे, जैव प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प की वस्तुओं का निर्यात विदेशों में होता है।
वैश्विक कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान 15 मार्च से 30 अगस्त 2020 के मध्य उत्तराखंड से कुल 8624 करोड़ का निर्यात हुआ, जिसमें अकेले 639 करोड़ का निर्यात फार्मा सेक्टर से हुआ। जबकि 15 मार्च से 30 अगस्त 2019 के बीच की अवधि में राज्य से 8830 करोड़ का कुल निर्यात हुआ था, जिसमें से फार्मा की वस्तुओं का निर्यात 479 करोड़ ही हुआ। कोरोना संक्रमण की पहली लहर में उद्योग करीब 67 दिन बंद रहे, लेकिन इस अवधि में फार्मा उद्योगों में उत्पादन जारी रहा। इस वर्ष कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में उद्योग बंद से मुक्त रखे गए।